इस देश में क्यों वामपंथी जरूरी है ..
किसी भी धार्मिक पुस्तक में (गीता कुरान या बाइबिल),केवल मानव के कर्तव्य के बारे में लिखा गया है, पर मानव के अधिकारों के बारे में कोई चर्चा नहीं है। केवल वामपंथी (निरग्रथीं) मानव के अधिकार के लिए लडते हैं। मानव जाती के पहले वामपंथी भागवत बुद्ध / महावीर है जिन्होंने जीवन के अधिकार के बारे मे बात की, बलि का विरोध किया।
अब दक्षिणपंथी (कोई भी धर्म आधारित समुह ) को समझें ..वे आप से केवल कर्तव्य करने के लिए कहेंगे अधिकारों कि बात भी बेमानी है और अगर आप ने पूछा तो आप गैर-धार्मिक, राष्ट्रीय विरोधी हैं।
लेकिन वामपंथी मानव अधिकारों के लिए लडाई शायद लडते रहे...
जरा सोचो..